Ads

Breaking News

हनुमान जी की अलग अलग मूर्तियाँ भक्तो की विभिन्न कामनाऐं पूर्ण करती है। धारावाहिक लेख

हनुमान जी की अलग अलग मूर्तियाँ भक्तो की विभिन्न कामनाऐं पूर्ण करती है।

 
हनुमान जी की अलग अलग मूर्तियाँ भक्तो की विभिन्न कामनाऐं पूर्ण करती है। धारावाहिक लेख


हम सबने हनुमान चालीसा तो पढ़ी ही होगी और यह भी हम जानते  ही हैं कि हनुमान चालीसा के इष्ट हनुमानजी है, और हनुमान जी संकट मोचक एवं मंगल मूर्ति के रूप में पहले से ही प्रसिद्ध है हनुमान जी संकट को दूर करने वाले ऐसे देवता हैं जिन्हें एक मायने में सबसे अलग कहा जा सकता है। और देवता तो अपने भक्तों की रक्षा करने का,उनके संकट दूर करने का कार्य करते हैं वही श्री हनुमान जी का जीवन चरित्र इस बात का जीता जागता नमूना है कि उन्होंने अपने इष्ट अपने प्रभु के संकटों को भी हमेशा दूर किया।शिव भक्त और भगवान का संबंध में तो निराला है ही जिस देवता ने अपने इष्ट के समस्त कष्टों को दूर किया हो क्या वह अपने भक्तों पर कभी संकट आने देगा आइए आज हनुमान जी की 11 मूर्तियों की बात करते हैं जिनकी उपासना से भक्तों अपनी अलग-अलग मनोकामनाएं मनोकामनाएं पूर्ण कर सकते हैं कलयुग में हनुमानजी एकमात्र जागृत देवता है तुलसीदासजी ने हनुमानचालीसा में भी कहा है कि "चारों जुग परताप तुम्हारा" अर्थात जिस देवता का का प्रताप चारों युगों में फैला हुआ ह ऐसे देवता है श्री हनुमान जी। उनकी भक्ति से व्यक्ति के भीतर साहस और आत्मविश्वास बढ़ता है इनकी भक्ति भक्तों को समस्त संकटो से दूर रखती है।
हनुमान जी की अलग अलग मूर्तियाँ भक्तो की विभिन्न कामनाऐं पूर्ण करती है। धारावाहिक लेख
Purva mukhi hanuman mandir Jaipur

 समस्त विद्वान जानते हैं कि प्रभु की अलग मूर्तियां भक्तों को उनके उद्देश्यों के आधार पर ही उन्हीं के द्वारा तैयार हुई हैं।जिस कामना से भक्तों ने भगवान को पुकारा है भगवान उसी रूप में प्रकट होकर अपने भक्तों की कामनाओं को पूर्ण करते हैं हनुमान जी की भी विभिन्न मूर्तियां उनके भक्तों और भक्तों की भक्ति की ही देन है और जिस मूर्ति को भक्तों ने जिस फल की प्राप्ति के लिए साधा है प्रभु ने उसकी साधना का फल उसे दिया है। वैसे तो हनुमान जी की पंचमुखी और 11 मुखी मूर्तियों की चर्चा समाज में आम रहती है किंतु और भी मुख वाली मूर्तियां देखने को मिलती है।
पूर्व मुखी हनुमान जी के मंदिर जयपुर की ज्यादा जानकारी के लिए लिंक दबाऐ।
  1.  पूर्व मुखी हनुमान -----  पूर्व मुखी हनुमान जी मूर्ति में हनुमान जी का मुख पूर्व दिशा की ओर रहता है पूर्व मुखी हनुमान कहते हैं यह उनकी भावनाओं को प्रकट करती है मूर्ति की प्रभा करोडों सूर्यो के तेज के समान बलशाली मानी गई है। यह मूर्ति शत्रु शमन करने की साधना को प्रदान करती है। अतः शत्रु पर विजय प्राप्त करनी हो तो पूर्व मुखी हनुमान जी की साधना करनी चाहिए।
          क्रमश---- यह पोस्ट अभी  ऐपीशोड्स मे हर मंंगलवार की पडेगी। अगर आपको अच्छी लगी हो तो हमारे पोर्टल पर दिए गये  E mail subscribe box me e mail लिंक करके पोस्ट हमेशा आपको आपके email me प्राप्त कर हमे अनुग्रहीत करेें। फेसबुक पेज को भी लाइक करे

1 comment: