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बदलते मौसम का रोग वायरल फीवर, बचाव और उपाय ---डॉक्टर महेश चंद्र वार्ष्णेय

बदलते मौसम का रोग वायरल फीवर, बचाव और उपाय ---डॉक्टर महेश चंद्र वार्ष्णेय
बदलते मौसम का रोग वायरल फीवर, बचाव और उपाय ---डॉक्टर महेश चंद्र वार्ष्णेय

वायरल फीवर, बचाव और उपाय
 नमामि गंगे न्यूज ।पत्रकार वार्ता । वार्ताकार- ज्ञानेश कुमार वार्ष्णेय।  
जुलाई-अगस्त का बरसाती मौसम समाप्त हो गया है और सितंबर अक्टूबर का हल्की ठंड का मौसम शुरू हो रहा है।
कभी बरसात कभी ठंड का मौसम आजकल चल रहा है वैसे हमारे धर्म के अनुसार भी यह समय संगम समय कहलाता है और इस समय में नवरात्रि रहती हैं और यह नवरात्रियाँ हर मौसम के अंत में दूसरे मौसम की शुरुआत में आतीं हैं और इस समय मौसम मे अत्यधिक बदलाव आता है। कभी गर्मी होती है तो कभी होती है ठंड।अतः लापरवाही हो जाती हैं। ऐसे में अपने साथ-साथ अपने बच्चों का ध्यान कैसे रखना है आइए जानें बदलते मौसम के रोग  वायरल फीवर  के बारे में
           
बदलते मौसम का रोग वायरल फीवर, बचाव और उपाय ---डॉक्टर महेश चंद्र वार्ष्णेय

वायरल फीवर होने का कारण --
शारदीय नवरात्रि में चल रही है अतः शरद का आगमन हो चुका है इस समय देश भर को मौसम तेजी से परिवर्तित होता है,अभी थोड़े ही दिनों पहले बहुत तेज गर्मी पड़ रही थी, रात में भी पसीना आ जाता था, गर्मी से बेहाल हो रहे थे कि वर्षा आ जाती थी और मौसम एकदम ठंडा हो जाता था हल्की हल्की ठंडी हवा चलने लगती थी, कि अचानक मौसम ठंडा लगता था। अब कुछ ठंडा सा मौसम होने लगा है।
और सुबह शाम लगे ठंडी रहती है बस दोपहर में गर्मी रहती है क्योंकि धूप बहुत कड़ी पड़ रही है तो शरीर में भी गर्मी सर्दी का प्रभाव आ जाता है एकदम से अपने आप को अनुकूल नहीं कर पाता।
बदलते मौसम का रोग वायरल फीवर, बचाव और उपाय ---डॉक्टर महेश चंद्र वार्ष्णेय

फलतः यह परिवर्तन बुखार रूप में शरीर में परिलक्षित हो जाता है वैसे यह वायरल फीवर किसी को भी हो सकता है लेकिन छोटे बच्चों की इम्युनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है अतः वे जल्दी ही इस रोग की चपेट में आ जाते हैं। यदि  आपके बच्चे को बहुत तेज बुखार है,  सिर दर्द और उल्टी हो रही है तो आप को समझना चाहिए कि आपका बच्चा वायरल फीवर या मौसमी बुखार से ग्रसित हो गया है ।
एसे मे self-medication तो बिल्कुल भी ना करें। क्योंकि कभी-कभी यह बहुत नुकसानदायक हो जाता है अपितु  डॉक्टर से संपर्क करें और जरूरी दवाएं दिलाएं।
 आइए जानते हैं
डॉक्टर महेश चंद्र वार्ष्णेय जी से इस वायरल फीवर के उपाय व लक्षण जिससे आप अपने बच्चों और खुद को वायरल फीवर की  चपेट में आने से बचा सके और यदि चपेट में आ ही गए है तब क्या आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट लें जिससे यह रोग शांत हो जाएं और इससे आप निजात पा सकें।
उनका पता है--- डॉक्टर महेश चंद्र वार्ष्णेय
                          कर्णवास रोड, डिबाई
                        जनपद -बुलंदशहर वायरल
वायरल फीवर एक वायरस जनित रोग- डाक्टर महेश चन्द्र वार्ष्णेय -
बदलते मौसम का रोग वायरल फीवर, बचाव और उपाय ---डॉक्टर महेश चंद्र वार्ष्णेय
डा. महेश चंद्र वार्ष्णेय 
  एक वायरस से पैदा होने वाली बीमारी होती है जिसका समय 15 दिन होता है। इसमें 3 दिन बहुत तेज बुखार रहता है उसके बाद जुखाम खांसी कई दिन रहती है इस खांसी को जाने में कम से कम 15 दिन लगते हैं इसमें कोई घवराने वाली बात नहीं है। इसमें थोड़ा सा ट्रीटमेंट लेकर मरीज आराम से सही हो जाता है।
वायरल फीवर
वायरल फीवर का आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट 7 काली मिर्च, अमरूद के 7 पत्ते, तुलसी के पत्ते 7, गिलोय 4 इंच का टुकड़ा,गुड़ 20 ग्रा. लेकर काढ़ा बनाऐं । इस  काढ़े को सुवह खाली पेट  व रात को सोते  समय  लें तो 2-3 दिन में आराम आने लगता है। 
 पूरा लाभ एक सप्ताह में होता है ।


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