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डिबाई में पहली गोपाष्टमी धूमधाम से मनाई गई। वृंदावन से आए इस्कान भक्तों ने बांधा कार्यक्रम का समां।

डिबाई में पहली गोपाष्टमी धूमधाम से मनाई गई।  वृंदावन से आए इस्कान भक्तों ने बांधा  कार्यक्रम का समां।

नमामि  गंगे न्यूज़। डिबाई। ब्यूरो।
नगर में आज का दिन गौमाता और गोपाष्टमी के नाम रहा। सुबह से ही नगर के अनाज मंडी स्थल पर नवयुवकों की चहल पहल रही। सर्वप्रथम गायों को सजाया गया और डोलों का निर्माण किया गया। गौ माता की सजावट के साथ भगवान श्री कृष्ण और राधा की झांकी भी सजाई गई। मंडी स्थल पर सुबह 7:30 बजे ही नगर के गणमान्य लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी।

महिलाओं में भी गौ पूजन के लिए बहुत उत्साह नजर आया। वे अपने साथ लोए और अन्य पूजा सामग्री लेकर आई थी। गौ माता की पूजा अर्चना की।उसके बाद कीर्तन मंडली हरिनाम नाम सुमिरन करते हुए मंण्डी समिति स्थल से निकली वृंदावन से इस्कॉन कीर्तन मंडली ने गोपाष्टमी कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। इस्कॉन कीर्तन मंडली व डिबाई नगर के संकीर्तन मण्डल द्वारा किए गए संकीर्तन ने लोगों का मन मोह लिया।

स्थान-स्थान पर महिलाओं में गौ पूजन को लेकर उत्सुकता रही। जगह जगह गौमाता पूजन किया गया ।



कार्यक्रम का आयोजन पुरुषार्थ संस्था द्वारा किया गया इसके अध्यक्ष मिलन वार्ष्णेय, कोषाध्यक्ष धीरज वार्ष्णेय, संरक्षक गिरिराज वार्ष्णेय व सदस्य नमन राठी व सदस्यों के साथ नगर के गणमान्य लोगों ने कार्यक्रम में सहभागिता निभाई। पुरुषार्थ संस्था के साथ ही डिबाई नगर के अन्य संगठनों के लोगों ने भी कार्यक्रम में भरपूर सहयोग दिया। विश्व हिंदू परिषद अंतरराष्ट्रीय विश्व हिंदू परिषद हाइपर व अन्य संगठनों के लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। कुल मिलाकर कहा जाए तो कार्यक्रम अपने उद्देश्य में पूर्णता सफल रहा। वृंदावन से आए इस्कान कीर्तन मंडल व डिबा जोई नगर कीर्तन मण्डल के संयुक्त प्रयास से पहली बार मनी गोपाष्टमी इस वर्ष के लिए एक यादगार बन गई।
कार्यक्रम के कोषाध्यक्ष धीरज वार्ष्णेय ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों में गौ माता के प्रति एक उत्साह का संचार करना था। लोगों में  गाय को केवल एक पशु मांनने की जो प्रवृति पनप चुकी है इस प्रवृत्ति को दूर करना कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था गौ माता को पुनः उसके स्थान पर प्रतिस्थापित करने के लिए पुरुषार्थ संस्था ने गोपाष्टमी पर यह कार्यक्रम रखा है। इस प्रकार के कार्यक्रमों से समाज में एक जागृति आती है।

1 comment:

  1. उत्तर प्रदेश राज्य में यमुना नदी के तट पर स्थित, वृंदावन शहर एक प्राचीन वन का स्थान है जहाँ हिंदू देवता कृष्ण ने अपने बचपन के दिन बिताए थे। कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा से लगभग 15 किलोमीटर दूर, शहर में सैकड़ों मंदिर हैं जो कृष्ण और उनकी पत्नी राधा की पूजा के लिए समर्पित हैं।

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