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गोपाष्टमी आखिर क्यों मनाए । ज्ञानेश कुमार वार्ष्णेय

गोपाष्टमी आखिर क्यों मनाए ।  ज्ञानेश कुमार वार्ष्णेय

गोपाष्टमी आखिर क्यों मनाए ।  ज्ञानेश कुमार वार्ष्णेय


आज गोपाष्टमी है वृंदावन की भांति इस वर्ष हमारे Dibai नगर में भी गोपाष्टमी कार्यक्रम धूमधाम से मनाया जा रहा है डिबाई के अनाज मंडी स्थल से गाय की पूजा होने के बाद कीर्तन मंडल डिबाई और कीर्तन मंडल वृंदावन संयुक्त रूप से डिबाई में नगर में कीर्तन का कीर्तन का आयोजन कर रहे हैं आप लोग भी इस कार्यक्रम में सादर आमंत्रित हैं सुबह 7:30 बजे से यह कार्यक्रम मंडी स्थल से शुरू होगा।
गोपाष्टमी वैसे तो हमारे धर्म में अत्यधिक महत्व का पर्व है इस दिन हमारे धर्म के महान प्रणेता भगवान श्री कृष्ण ने गौ चारण का महत्व समझते हुए इस महान कार्य को स्वयं अपने हाथों में लिया था और सामान्य जन को एक प्रेरणा दी कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी बाल्यावस्था में यह महान कार्य करना ही चाहिए जिससे कि स्वयं अपना स्वास्थ्य तो अच्छा रहे ही इसके साथ गौमाता भी स्वस्थ रहें और हमारे लिए स्वास्थ्यप्रद दूध, दही, इत्यादि प्रदान कर सके। भगवान श्री कृष्ण ने गाय की महिमा को महत्व को प्रदान किया उन्होंने यह केवल बताया ही नहीं अपितु सिद्धि भी किया कि गौ महिमा अपरंपार है। गाय हम हिंदुओं के जीवन से जुड़ी है पुरातन काल से ही गाय हम लोगों के जीवन का हिस्सा रही है बच्चे के जन्म से लेकर मरण तक हमारा जीवन गाय के इर्द-गिर्द ही चलता था माता का प्रसव समय पर जब मां प्रसव पीड़ा से पीड़ित होती थी और प्रसव नहीं हो तब यही गौ माता अपने गौ रस के द्वारा माता की पीड़ा शांत करके सामान्य प्रसव कराती है यह अनेकों माताओं द्वारा आधुनिक समय में भी अनुभूत नुस्खा है हमारे धर्म में बताया गया है कि गाय की पूंछ को छूने मात्र से ही मुक्ति का द्वार खुल जाता है तभी तो अनेकों लोग मृत्यु शैया पर पड़े होने पर गोदान आज भी करते हैं और मोक्ष के भागी बनते हैं वैसे भी पुण्य फलों की प्राप्ति के लिए प्रतिदिन गौ माता का दर्शन सेवन अवश्य करना चाहिए।
लेकिन मैं यह सब दकियानूसी बातें क्यों कर रहा हूं मुझे तो आज गाय के वास्तविक लाभों से परिचय कराना चाहिए जो दिखाई देते हो क्योंकि तभी हमारा सोया समाज शायद अंगड़ाई लेकर जागे आज गोपाष्टमी है कल रात मैंने इसलिए इसको लिखने में पर्याप्त मेहनत की है मैंने अनेकों लेखों को पढ़ा पिछले 5 दिनों में तब सभी का सार लेकर आपके सामने प्रस्तुत हुआ हूं मैं आपको बताना चाहता हूं कि क्यों हम सभी को गोपाष्टमी का पर्व मनाना चाहिए और इसे केवल मनाना ही नहीं चाहिए अपितु एक संकल्प भी लेना चाहिए कि मैं अपने संपूर्ण जीवन में आज से गौ माता की सेवा सुश्रुषा और संवर्धन में लगा रहूंगा।
आइए जानते हैं वह गूढ़ रहस्य।
आप सभी जानते हैं कि हर तरफ नोटों का बोलबाला है तो सर्वप्रथम बात करते हैं सुख की समृद्धि की स्वास्थ्य की सौभाग्य की तो भाइयों गाय का पालन आपकी इन सभी इच्छाओं की  पूर्ति करता है आज जब गाय पालते हैं तो मैं तो यह कहता हूं कि वह गाय आपको केवल गोबर व गोमूत्र प्रदान करती ही है और इतना तो सभी गायें प्रदान करती ही है चाहे वह दूध दे या न दे। दूध की काउंटिंग ही नहीं कर रहे हम केवल गोबर में गोमूत्र देने वाली ठल्लड़ बेकार व आवारा गाय की बात कर रहे हैं ‌‌‌। अगर आप किसान हैं तो गाय का गोबर 33 करोड़ प्रकार के जीवाणुओं का प्रदायक है जो आपके खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ाते हैं ऐसा आधुनिक विज्ञान व सुभाष पालेकर जी नाम के एक कृषि वैज्ञानिक ने सिद्ध कर दिखाया है भारतीय सरकार ने उन्हें अभी जल्दी में ही पदम श्री पुरस्कार से सम्मानित किया है उन्होंने खेती की एक अलग ही विधि विकसित की है जो गाय के गोबर व मूत्र से ही संचालित है और विशेष बात यह है कि इस विधि में केवल एक देसी का जिसे आप लोग आवारा कह रहे हैं और जो दूध नहीं देती उसी का प्रयोग किया गया है और उसके गोबर व मूत्र से 30 बीघा या 1 एकड़ जमीन पर्याप्त रूप से उर्वरा बन जाती है उनकी इस विधि में गाय के गोबर गोमूत्र के प्रयोग से आप नीलगाय बना कीड़ा मारना बीजों का संस्करण करना आदि सभी किसानी के कार्य बड़े ही सामान्य रूप से कर सकते हैं अर्थात आप की खेती के सभी कार्य समाप्त इसके अलावा गाय दूध दही घी मक्खन आदि भी आपको प्रदान करती है वह बोनस है,। अब बताइए कि गाय पालना क्या घाटे का सौदा है चाहे वह ठल्लड़ ही क्यों ना हो। हम इसके आर्थिक लाभों के बारे में आपको समय-समय पर बताते रहेंगे बस आप हम से जुड़े रहिए।
 1 देशी गाय से कैसे कमाए ₹100000 प्रतिमाह यह भी हम आपको बताएंगे।
 खेती की समस्त तकनीकों को जानने के लिए पढ़िए जीरो बजट खेती सुभाष पालेकर।
अगर आपके साथ नहीं दी है अभी तो कोई भी है तो आपका स्वास्थ्य आपके लिए सबसे बड़ी संपत्ति है अपने घरों से आपके स्वास्थ्य को संबोधित करती है आप किसी भी रोग से क्यों न ग्रसित हो गए की शरण आपकी हर रोग का इलाज कर ही देगी रोग चाहे छोटा हो या बड़ा गाय सभी में लाभकारी है दुनिया का कोई भी रोग ऐसा नहीं है जो गाय की शरण में जाने से दूर ना होता हो गाय के पौधों गब्बे दूध दही मट्ठा घी गोबर मूत्र किसी न किसी रूप में हमेशा आपके रोगों का समूल नाश करने में समर्थ है बातें और भी हैं लेकिन मैं इस समय आपका समय नहीं लेना चाहता आगे अन्य लेखों में उनकी चर्चा होती रहेगी लेकिन आज मैं केवल थोड़ी सी चर्चा करके आपको गोपाष्टमी के महत्व के बारे में बता रहा था और गोपाष्टमी को हृदय से मनाने की प्रेरणा देता हुआ आपसे गाय माता की सेवा करने का संकल्प लेने की कामना करता हुआ ज्ञानेश कुमार बासनी नमामि गंगे न्यूज़ पोर्टल से आपको इस लेख को पढ़ने पर धन्यवाद प्रेषित करता हूं तथा आप सभी को गोपाष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं भी प्रेषित करता हूं आपसे नमामि गंगे न्यूज़ द्वारा गांव क्रांति अभियान में सम्मिलित होने की प्रार्थना भी करता हूं अभी जल्दी भगवान श्री वार्ष्णेय गांव क्रांति विचार मंच के द्वारा समाज में गौ माता की सेवा सुरक्षा व संवर्धन की एक क्रांति लाने के लिए प्रयास करेंगे आप सभी लोगों से उसमें पूर्ण समर्पण से सहयोग चाहते हैं जिससे कि आप सभी का स्वास्थ्य पुणे नवचेतना मई हो 
इसी आशा के साथ 
आपका 
ज्ञानेश कुमार वार्ष्णेय।

2 comments:

  1. जय गऊ माँ
    बहुत सुन्दर

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  2. धन्यवाद!!!!
    इस खबर को पड़ने के लिए।
    कृपया ज्यादा से ज्यादा इस खबर को शेयर करे ताकि और भी इसका उचित लाभ उठा पाए।

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