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स्वास्थ्य के देवता व धन की देवी का प्राकट्योत्सव है धनतेरस का पर्व।

स्वास्थ्य के देवता व धन की देवी का प्राकट्योत्सव है धनतेरस का पर्व।

स्वास्थ्य के देवता व धन की देवी का प्राकट्योत्सव है धनतेरस का पर्व।
आज धनतेरस का परम पावन पर्व है आज के दिन भगवान धनवंतरी का प्राकट्य हुआ था धनवंतरी स्वास्थ्य के देवता है समुद्र मंथन के समय 14 रत्न प्रकट हुए जिनमें दो साक्षात देव प्रकट हुए जिसमें एक थे आयुर्वेद प्रवर्तक भगवान धन्वंतरि व दूसरी धन की देवी माता महालक्ष्मी । दोनों ही देवताओं का संबंध धन से है भगवान धन्वंतरी है स्वास्थ्य रुपी धन के स्वामी हैं। जबकि मां महालक्ष्मी साक्षात हर प्रकार के धन सम्पत्ति की दात्री हैं। कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को भगवान धन्वंतरि व माता लक्ष्मी समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुए थे अपने हाथ में अमृत कलश और आयुर्वेद ग्रंथ लेकर उतरे थे।कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस भगवान धन्वंतरि की जयंती के रूप में मनाई जाती है यह दिन वैद्य और डॉक्टरों के लिए एक विशेष दिन है इस दिन अगर कोई भगवान धन्वंतरि से स्वास्थ्य की कामना करते हुए हवन आदि करता है तो उसके समस्त रोगों का विनाश होता है इस दिन भगवान धन्वंतरि से अपने स्वास्थ्य की कामना करते हुए लोग आशीर्वाद मांगते हैं। जैसा कि हम सब जानते
हैं भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे और उसी प्रकार महालक्ष्मी भी समुद्र मंथन से प्रकट हुई थी। भगवान धन्वंतरि स्वास्थ्य रूपी धन प्रदान करते हैं और माता लक्ष्मी तो स्वयं धन की देवी है अतः इस दिन को धनतेरस के नाम से भी जाना जाता है और इस दिन स्वास्थ्य की कामना करने के साथ-साथ लोग मां लक्ष्मी से धन की प्रार्थना भी करते हैं और इसी कारण से धनतेरस के दिन सोने और चांदी खरीदने की परंपरा भी शुरू हुई इस दिन धातु की पूजा की जाती है धातु को धन का रूप माना गया है। माना जाता है कि धनतेरस वाले दिन सोना खरीदने से अच्छी बरकत होती है और मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

धनतेरस की पूजा विधि और महत्व

वैसे धनतेरस(Dhanteras) हमारे प्रमुख त्‍योहार दीपावली (Diwali) के पावन पर्व का शुभारंभ वाला दिन है। इस बार आज 25 अक्‍टूबर को यह पर्व है  इस दिन माता लक्ष्‍मी, भगवान कुबेर और भगवान धन्‍वंतरि की पूजा किये जाने कि विधान है. इसके अलावा धनतेरस के दिन मृत्‍यु के देवता यमराज की पूजा (Yama Puja) भी की जाती है. इस दिन सोने-चांदी के आभूषण और बर्तन खरीदना शुभारंभ माना जाता है. धनतेरस दीपावली पर्व की शुरुआत का दिन भी है. इसके बाद छोटी दीपावली या नरक चौदस (Chhoti Diwali or Narak Chaturdashi),   उसके बाद बड़ी या मुख्‍य दीपावली आती है।

धनतेरस की पूजा विधि और महत्व

ध्यान रहे धनतेरस पर लाए सोने को दीपावली की पूजा में भी शामिल करना चाहिए। अगर आप यदि धनतेरस पर सोने-चांदी से बने लक्ष्मी गणेश के सिक्कों की खरीदारी भी करते हैं। जिनकी दीपावली के दिन पूजा जरूर की जानी चाहिए। इन्हें बिना पूजा के नहीं रखना चाहिए।
क्योंकि धनतेरस भगवान धन्वंतरि और माता लक्ष्मी का दिन है अतः आज के दिन आयु, अच्छे स्वास्थ्य और धन के लिए भगवान धन्वन्तरि और मां लक्ष्मी का पूजन किया जाता है।

धनतेरस की पूजा विधि और महत्व

धनतेरस के शुभ मुहूर्त कब हैैं आइए जानें।

स्वास्थ्य के देवता व धन की देवी का प्राकट्योत्सव है धनतेरस का पर्व।

2 comments:

  1. Replies
    1. धन्यवाद!!!!
      इस खबर को पड़ने के लिए।
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