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मथुरा में फर्जी मार्कसीट के आधार पर नौकरी पाने वाले अध्यापकों के खिलाफ चली जांच के बाद 33 शिक्षक वर्खास्त।

मथुरा में फर्जी मार्कसीट के आधार पर नौकरी पाने वाले अध्यापकों के खिलाफ चली जांच के बाद 33 शिक्षक वर्खास्त।
मथुरा में फर्जी मार्कसीट के आधार पर नौकरी पाने वाले अध्यापकों के खिलाफ चली जांच के बाद 33 शिक्षक वर्खास्त।
मथुरा में 33 शिक्षक फर्जी मार्कशीट पर नौकरी करते पाये गये सभी वर्खास्त

मथुरा। नमामि गंगे न्यूज।
 मथुरा।एक तरफ जहाँ पढ़े लिखे और योग्य लोगों को रोजगार का टोटा हो रहा है लाखों की संख्या में अपनी वास्तविक डिग्रियाँ लेकर बी.एड. वाले अभ्यर्थी इधर उधर भटक रहे हैं वहीं मथुरा में फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी करते हुये अनेकों अध्यापक पाये गये हैं। उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग ने अब एसे अध्यापकों को धर पकड़ के लिए जांच की है जिसमें 33 अध्यापक तो पूर्णतः फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी करते पकड़े गये है बाकी में से बहुत सों की मार्कसीट में छेड़छाड़ पायी गयी है। 
 उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग (Uttar Pradesh Basic Education Department) में कथित तौर पर फर्जी मार्कशीट (fake marksheet) के आधार पर नौकरी पाने वाले मथुरा के 59 अध्यापकों (Teachers) के खिलाफ जांच चल रही थी। जिसमें दोषी पाये जाने पर 33 शिक्षकों को बर्खास्त करने का आदेश दिया गया है।

मथुरा के कार्यवाहक बेसिक शिक्षा अधिकारी रामतीर्थ वर्मा ने मीडिया को बताया कि

 वर्ष 2004-05 में आगरा वि.वि.से बीएड की डिग्री हासिल करने वाले 33 अध्यापकों की मार्कशीट फर्जी पाई गई थी, उनकी बर्खास्तगी की जा रही है। जबकि छेड़छाड़ की गई मार्कशीट वाले शेष शिक्षकों के मामले की जांच जारी है। उनकी जांच पूरी होने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.

सूत्रों से पता लगा है कि, इस मामले की जांच के लिए 2016 में विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की गयी थी जिसकी छानबीन में आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (सत्र 2004-05) में बीएड की डिग्री हासिल करने वाले 4,700 शिक्षकों की मार्कशीट गड़बड़ी मिली थी।

रामतीर्थ वर्मा ने संबाददादा को बताया कि जांच में सामने आया कि इनमें से कई अध्यापकों डिग्रियां तो पूरी तरह से फर्जी थी, तो कई की मार्कशीट में छेड़छाड़ की गई थी। इसमें से मथुरा के 59 शिक्षकों के कागजात भी फर्जी पाए गए थे।
 उन्होंने बताया कि इन सभी को सितम्बर माह में निलंबित कर दिया गया था। पिछले माह इन सभी को सेवा समाप्ति का नोटिस दे दिया गया था और 26 नवम्बर तक अपना पक्ष रखने का समय दिया गया था। इनके खिलाफ एसआईटी द्वारा बर्खास्तगी की कार्रवाई की संस्तुति की गई थी जिस पर जिला बेसिक शिक्षाधिकारी चंद्रशेखर ने 33 अध्यापकों को बर्खास्त करने का आदेश जारी किया है।

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