संपादकीय- सर्वोच्च न्यायालय में श्री राम जन्मभूमि स्थल का नक्शा फाड़ने के मामले में कोर्ट को स्वत संज्ञान लेकर राजीव धवन पर मुकदमा चलाना चाहिए !
*_" नमामि गंगे न्यूज पोर्टल " की ओर से विशेष
*_संपादकीय_*
राजीव धवन को सजा मिलना जरूरी है जिससे कोर्ट की गरिमा बनी रहे |
*सर्वोच्च न्यायालय में श्री राम जन्मभूमि स्थल का नक्शा फाड़ने के मामले में कोर्ट को स्वत संज्ञान लेकर राजीव धवन पर मुकदमा चलाना चाहिए ।
*_अदालत की अवमानना का सीधा मामला है यह।_*
अयोध्या में राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद जमीनी विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान आवेश में आकर जिस तरीके की घटना को अंजाम दिया गया उसे मात्र किसी मामले में भी एक जिम्मेदार वकील द्वारा किया गया साधारण कृत्य तो नहीं कहा जा सकता है ;
*बल्कि उन्होंने तो एक अपराधी का सा कृत्य किया है । जो छम्य भी नहीं हो सकता और अगर आज इस मामले पर कोई संज्ञान न लिया गया तो इसकी पुनरावृत्ति की संभावना हो सकती है !*
अतः
माननीय सर्वोच्च न्यायालय
से अपील है कि इस मामले में उचित कार्यवाही करते हुए वकील को न्यायोचित सजा दी जानी चाहिए ;
क्योंकि अपराधी एक सर्वोच्च न्यायालय का वकील भी है , उसकी जिम्मेदारी भी अत्यधिक
बनती
है ।
*क्योंकि उसका कृत्य न्याय जगत के लिए एक नजीर हो सकता है और वह कृत्य अगर आपराधिक है और उसको संज्ञान में नहीं लिया गया तो इस प्रकार की
घटनाओं की पुनरावृत्ति होने की संभावना बढ़ जाती है !*
अतः माननीय सर्वोच्च न्यायालय से एक सामान्य नागरिक के नाते अपील है कि *माननीय सर्वोच्च न्यायालय अपनी अवमानना का केस लगा कर आपराधिक वकील के खिलाफ कार्यवाही करे ताकि भारतीय न्याय व्यवस्था की गरिमा बनी रहे।
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