एआईएमआईएम नेता और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) पर सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ जहर उगलने पर मामला दर्ज।
एआईएमआईएम नेता और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) पर सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ जहर उगलने पर मामला दर्ज।
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अपने बढ़बोलेपन व विवेकहीन टिप्पणियों के लिए परिचित एआईएमआईएम नेता और हैदराबाद से सांसद असदद्दीन ओवेसी के खिलाफ अयोध्या मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर टिप्पणी करने के चलते तथा सुप्रीम कोर्ट के न्याय को भीख बताने के मामले में भोपाल नगर के जहाँगीराबाद पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है। बताया जाता है कि उनके बयान के कारण कई स्थानों पर सामाजिक समरसता को झटका लगा तथा स्थिति तनाव ग्रस्त हो गई।
जैसा कि आप सभी ने उनका बयान टी वी पर सुना होगा। एआईएमआईएम नेता और सांसद ने जिस प्रकार का बयान दिया उसे किसी भी मायने में ठीक नही कहा जा सकता है। उन्हौने सु्प्रीम कोर्ट की एक प्रकार से तौहीन ही की है। उन्हौने जो कहा वह इस प्रकार है।
"मैं अयोध्या केस (Ayodhya case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले से सहमत नहीं है. ओवैसी, 'हमारा संविधान में पूरा विश्वास है, हम अपने कानूनी हक के लिए लड़ रहे थे हमें पांच एकड़ का दान नहीं चाहिए.'
इसके बाद अनेक लोगों ने उनके बयान का जमकर विरोध किया था। उनके बयान को लेकर कई जगह उबाल बना हुआ है. इसी बीच सोमवार को मध्यप्रदेश के भोपाल शहर के जहांगीराबाद पुलिस स्टेशन में असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। वहाँ के वकील पवन कुमार ने उनके खिलाफ पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया है.
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ओवेसी फैसले से संतुष्ट नहीं हैं।
विदित हो कि सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या विवाद पर अपना फैसला सुना देने के बाद एआईएमआईएम के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था "मैं कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं हूं. सुप्रीम कोर्ट वैसे तो सबसे ऊपर है, लेकिन अपरिहार्य नहीं है."a-complaint-has-been-filed-against-aimim-leader-asaduddin-owaisi-at-jahangirabad-police-station-bhopal.
हम पर कृपा करने की जरूरत नहीं
ओवेसी ने कहा, "हम अपने अधिकार के लिए लड़ रहे हैं, हमें खैरात के रूप में पांच एकड़ जमीन नहीं चाहिए। हमें इस पांच एकड़ जमीन के प्रस्ताव को खारिज कर देना चाहिए। हम पर कृपा करने की जरूरत नहीं है।"
ओवेसी ने कहा, "हम अपने अधिकार के लिए लड़ रहे हैं, हमें खैरात के रूप में पांच एकड़ जमीन नहीं चाहिए। हमें इस पांच एकड़ जमीन के प्रस्ताव को खारिज कर देना चाहिए। हम पर कृपा करने की जरूरत नहीं है।"
ओवैसी ने आगे कहा, "अगर मस्जिद वहां पर रहती तो सुप्रीम कोर्ट क्या फैसला लेता। यह कानून के खिलाफ है। बाबरी मस्जिद नहीं गिरती तो फैसला क्या आता? जिन्होंने बाबरी मस्जिद को गिराया, उन्हें ट्रस्ट बनाकर राम मंदिर बनाने का काम दिया गया है।"
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AIMPLB और मुस्लिम पक्षकार ने भी ओवैसी के बयान पर जताया ऐतराज
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अयोध्या भूमि विवाद (Ayodhya case) पर आए निर्णय के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin owaisi) के बयान को लेकर अयोध्या में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के सदस्य और बाबरी पक्षकार ने भी ऐतराज जताया है।
एआईएमपीएलबी के वरिष्ठ सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने सोमवार को आईएएनएस से कहा, "पूरे मुल्क में जिस तरह से इतने बड़ा फैसला आने के बावजूद किसी प्रकार की कोई वारदात नहीं हुई, इससे संदेश मिलता है कि तमाम हिन्दुस्तानी चाहते हैं कि अब मंदिर-मस्जिद मुद्दे से आगे की बात होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट द्वारा सदियों पुराना मसला खत्म कर दिया गया है। अब इस मुद्दे पर किसी राजनीतिक व्यक्ति की सियासत के लिए कोई जगह बची नहीं है। जिस प्रकार से अवाम द्वारा लगातार शांति बरकार है, इससे उन लोगों को संदेश मिल गया होगा जो इस पर सियासत करते हैं।"
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले की खास बातें -
- Ayodhya Verdict: CJI ने कहा, 'खुदाई में इस्लामिक ढांचे के सबूत नहीं मिले'
- मुस्लिम अपने साक्ष्यों से यह सिद्ध नहीं कर पाए की विवादित भूमि पर उनका ही एकाधिकार था।
- मुस्लिम यह साबित करने में नाकाम रहे कि इस जगह पर बाबरी मस्जिद बनने से पहले उनका अधिकार था।
- ASI की रिपोर्ट खारिज को नहीं कर सकते. ASI की रिपोर्ट में 12वीं सदी के मंदिर के सबूत मिले।
- Ayodhya verdict: CJI ने कहा, 'विवादित जमीन का बंटवारा नहीं किया जा सकता ।'
- ASI की रिपोर्ट से साबित होता है कि मस्जिद खाली जमीन पर नही बनाई गई थी।
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