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Birsa Munda Jayanti: झारखंड के भगवान बिरसामुंडा – तीर कमान से जिन्हौने दाँत खट्टे किये अग्रेजी सरकार के


Birsa Munda Jayanti: झारखंड के भगवान बिरसामुंडा – तीर कमान से जिन्हौने दाँत खट्टे किये अग्रेजी सरकार के

Birsa Munda Jayanti: झारखंड के भगवान बिरसामुंडा – तीर कमान से जिन्हौने दाँत खट्टे किये अग्रेजी सरकार के
अग्रेजों के खिलाफ लड़ने बाले महानायक बिरसा मुण्डा का चित्र

"धरती आबा बिरसा" मुंडा को झारखंड के लोग मानते हैं भगवान

Jharkhand Foundation Day: झारखंड (Jharkhand) के भगवान बिरसा मुंडा (Birsa Munda) के बारे में लोगों का विचार था कि उनके छूने मात्र से ही गंभीर रोग समाप्त हो जाते हैं।

नमामि गंगे न्यूज। व्यूरो न्यूज़।

बिरसा मुंडा: 

मुंडा विद्रोह के महानायक , बिरसा मुण्डा जयन्ती व झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष पेशकश

अंग्रेजी की गोलियों से केवल तीर-कमान से जिस वीर ने आदिवासियों को तैयार किया ऐसे महानायक थे बिरसा मुंडा। बिरसा मुंडा का जन्म आज के ही दिन हुआ था इसी कारण आज का दिन अर्थात 15 नवम्बर को उनका जन्म दिन के रुप में मनाया जाता है। इनका जन्म आज ही के दिन 1875 में हुआ था। आज का दिन ही झारखंड का स्थापना दिवस के रुप में भी मनाया जाता है क्योंकि आज ही के दिन अर्थात बिरसा मुण्डा के जन्म दिवस पर ही झारखंड की भी स्थापना की गयी थी। अतः आज का दिन 15 नवम्बर बिरसा मुण्डा जयन्ती(Birsa Munda Jayanti)  के साथ ही झारखंड स्थापना दिवस (Jharkhand Foundation Day) के रुप में भी मनाया जाता है। विदित रहे कि झारखंड की स्थापना 15 नवम्बर 2000 को हुयी और झारखंड को पृथक राज्य का दर्जा भी मिला था। इस मौके पर राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्‍ट्रपति वैंकया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्‍य नेताओं ने 'धरती आबा' के नाम से मशहूर क्रांतिकारी बिरसा मुंडा को विनम्र श्रद्धांजलि प्रदान की है। 

बिरसा मुंडा: 

मुंडा विद्रोह के महानायक , बिरसा मुण्डा जयन्ती व झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष पेशकश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि, "झारखंड की जनता को राज्य के स्थापना दिवस की बहुत-बहुत बधाई. मेरी कामना है कि झारखंड प्रगति की नित नई ऊंचाइयों को छुए और भगवान बिरसा मुंडा के समृद्ध, सशक्त और खुशहाल राज्य के सपने को साकार करे."
Birsa Munda Jayanti: झारखंड के भगवान बिरसामुंडा – तीर कमान से जिन्हौने दाँत खट्टे किये अग्रेजी सरकार के




राष्‍ट्रपति रामनाथ ने ट्वीट किया कि , "जोहार झारखंड! स्‍थापना दिवस के अवसर पर झारखंड की जनता को बधाई और शुभकामनाएं. झारखंड, प्रभूत प्राकृतिक संसाधनों और समृद्ध संस्‍कृति वाला राज्‍य है, जिस पर हम सभी को गर्व है. मेरी कामना है कि भगवान बिरसा मुंडा के आशीर्वाद से झारखंड प्रगति की नई ऊंचाइयां प्राप्त करें."
Birsa Munda Jayanti: झारखंड के भगवान बिरसामुंडा – तीर कमान से जिन्हौने दाँत खट्टे किये अग्रेजी सरकार के

बिरसा मुंडा: 

मुंडा विद्रोह के महानायक , बिरसा मुण्डा जयन्ती व झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष पेशकश

बिरसा मुण्डा का जीवन परिचय-बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवम्बर 1875 को छोटा नागपुर में मुंडा नामक एक जनजातीय परिवार में हुआ था ।मुंडा नामक जनजाति छोटा नागपुर के पठार में निवास करती थी। बिरसा मुण्डा जन्मजात देशभक्त थे। उन्है सन 1900 में आदिवासियों को भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और उन्हें इस जुर्म में उन्हैं 2 साल की सजा दी गई । और इसके बाद 9 जून सन 1900 मे अंग्रेजो द्वारा उन्हें एक धीमा जहर देने के कारण उनकी मौत हो गई।


बिरसा मुंडा की मौत महज 25 साल की उम्र में हो गई थी. उन्‍होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आदिवासियों को एकजुट किया।
उन्‍होंने आदिवासियों को अग्रेजी राज के खिलाफ एकजुट किया और नारा दिया, "अबुआ राज छेत्र जाना, महारानी राज टुंडी जाना", जिसका मतलब है, चलो महारानी का राज खत्‍म करते हैं और अपना साम्राज्‍य स्‍थापित करते हैं। इस नारे ने ब्रिटिश राज की चूले हिला दीं।
 जिस समय बिरसा मुंडा को 3 मार्च 1900 को ब्रिटिश सेना ने गिरफ्तार किया था तब वे अपनी आदिवासी गुरिल्‍ला आर्मी के साथ झारखंड के जंगल में सो रहे थे।

बिरसा मुंडा: 

मुंडा विद्रोह के महानायक , बिरसा मुण्डा जयन्ती व झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष पेशकश

गिरफ्तार करने के बाद 9 जून 1900 को रांची जेल में उनकी रहस्‍यमयी मौत हो गई।
अंग्रेजों ने उनकी मौत के बारे में दावा किया था कि बिरसा मुंडा हैजे की वजह से मारे गए, जबकि कहा जाता है कि उनमें इस रोग के कोई लक्षण दिखाई नहीं दे रहे थे। बिरसा मुंडा जिस जेल में रखे गये थे उस जेल का नाम उन्हीं के नाम पर ही बिरसा मुण्डा जेल रखा गया है। 
बिरसा मुंडा ने हमेशा ही अंधविश्‍वासों का खंडन किया और लोगों को हिंसा और मादक पदार्थों से दूर रहने की सलाह दी थी। झारखंड के लोग बिरसा मुंडा को भगवान का अवतार मानते हैं। लोगों का मानना था कि उनके छूने मात्र से ही कई गंभीर रोगों का नाश हो जाता हैं

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